निज दायित्व निभाएं, रख निज जीवन सादा। निज दायित्व निभाएं, रख निज जीवन सादा।
कभी कहना आसान तो करना मुश्किल कभी करना आसान तो कहना मुश्किल कभी कहना आसान तो करना मुश्किल कभी करना आसान तो कहना मुश्किल
प्रेम नहीं छलता कभी भी दायित्वों को, मुंह नहीं फेरता जिम्मेदारियों से, नज़रें नहीं चुराता कभी... प्रेम नहीं छलता कभी भी दायित्वों को, मुंह नहीं फेरता जिम्मेदारियों से, न...
लगाव अवश्य करिए, किंतु होशो हवास न खोइए, कम से कम अपने दिमाग को रखिए अपने वश, लगाव अवश्य करिए, किंतु होशो हवास न खोइए, कम से कम अपने दिमाग को रखिए अ...
पिता एक बरगद सरस,देता सबको छाँव। हम सबका पोषण करे,थकते कभी न पाँव। पिता एक बरगद सरस,देता सबको छाँव। हम सबका पोषण करे,थकते कभी न पाँव।
मानवता महज उनमें बस रेंगती है, जिन्दगी भी ऐसों को बस ठेलती है। मानवता महज उनमें बस रेंगती है, जिन्दगी भी ऐसों को बस ठेलती है।